मौत का षडयंत्र रचने के आरोप में फंसे राजा भैया!

प्रतापगढ: उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ जिले के बहुचर्चित पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड में आरोपी पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की बढ रही मुश्किलों के बीच उनके खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है। दिवाकर त्रिपाठी नाम के व्यक्ति की राजा भैया के खिलाफ संग्रामगढ थाने में दर्ज करायी गई प्राथमिकी के अनुसार मोटरसाइकिल पर सवार पांच-छह लोग आये और उसे जान से मारने की धमकी दी। इस रिपोर्ट में राजा भैया के खिलाफ षडयंत्र का आरोप लगाया गया है।

पुलिस के अनुसार त्रिपाठी की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 506, 504, 323 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। राजा भैया ने कल इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में 2010 में राजा भैया और उनके समर्थकों पर खंड विकास समिति सदस्यों (बीडीसी मेम्बर) के अपहरण का आरोप लगा था। कुंडा थाने में काफी बवाल हुआ था। थाना परिसर में राजा भैया के समर्थकों पर गोली चलाने का भी आरोप लगा था।

त्रिपाठी उसी मामले में गवाह हैं। त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें गवाही नहीं देने के लिए विवश किया जा रहा है जबकि पुलिस का कहना है कि त्रिपाठी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है हालांकि वह गनर लेने के लिए भी प्रयासरत हैं। दूसरी ओर हथिगवां के बलीपुर गांव में गत दो मार्च को पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक, ग्राम प्रधान नन्हे यादव और उसके भाई सुरेश यादव हत्याकांड में भी राजा भैया पर शिकंजा कसता नजर आ रहा हैं। मामले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम पर मृतक ग्राम प्रधान का भाई पवन यादव ने राजा भैया के पक्ष में काम करने तथा परिवार के उत्पीड़ऩ का आरोप लगाते हुए अपने घर के सामने आमरण अनशन पर बैठ गया है।

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